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Dalit Samaj Ke Pitamah Dr Bhimrao Ambedkar
Sunil Jogi
(Autor)
·
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
· Tapa Blanda
Dalit Samaj Ke Pitamah Dr Bhimrao Ambedkar - Jogi, Sunil
Sin Stock
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Reseña del libro "Dalit Samaj Ke Pitamah Dr Bhimrao Ambedkar"
14 अप्रैल 1891 को मह मध्य प्रदेश में जन्में भीमराव - अम्बेडकर अपने सेना में कार्यरत पिता की चौदहवीं संतान थे। एक महार जाति के दलित परिवार में उत्पन्न भीमराव में जन्म से उन कठिन परिस्थितियों का विचार पूर्वक सहना शुरू किया था, जो दलित जन की सहज नियति थी। उन्होंने शिक्षा को उस माध्यम की तरह ग्रहण करना शुरू किया जिसके जरिए वह इस अमानवीय स्थिति से दलितों को मुक्त करा सके। विपन्नता तथा कठिन परिस्थितियों के बावजूद भीमराव अम्बेडकर ने एम.ए. अर्थशास्त्र की डिग्री कोलंबिया विश्वविद्यालय से पाई और वहीं अपनी समस्या और उसका समाधान जुटाने की दृष्टि खुद में पैदा की। इसी प्रतिभा और निर्भीक प्रतिबद्धता के बल पर डाक्टर भीमराव - अम्बेडकर भारत के संविधान के प्रणेता बने और उसमें दलितों की स्थिति में अपेक्षित सुधार के हित में अनुकूल प्रावधान रचे। इस पुस्तक में विशेष रूप से डा. अम्बेडकर की वह बाइस प्रतिज्ञाएं देखी जा सकती हैं जिन्हें उन्होंने आजीवन निभाया और जिनके कारण वह महान हो सके।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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