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Kamta Prasad Singh 'Kaam' Pratinidhi Rachnayen
Rashmi Singh
(Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt Ltd
· Tapa Dura
Kamta Prasad Singh 'Kaam' Pratinidhi Rachnayen - Singh, Rashmi
Sin Stock
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Reseña del libro "Kamta Prasad Singh 'Kaam' Pratinidhi Rachnayen"
साहित्य-सृजन, राजनीति और समाज-सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ दिग्दर्शन करानेवाले कामता प्रसाद सिंह 'काम' का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुपम है। स्वतंत्रता-संग्राम के दृढ़वती सैनिक के रूप में जहाँ उनका योगदान अविस्मरणीय है, वहीं स्वतंत्र भारत में राजनीतिक तथा सामाजिक सेवाओं के लिए भी उनका नाम श्रद्धास्पद है। इन्हीं के बीच उनकी साहित्य साधना का अमृत वरदान भी है, जो उनको साहित्य-जगत् में गौरव-गरिमा से अभिमंडित करता है। 'काम' जी की साहित्यिक प्रतिभा बहुमुखी थी। निबंधकार, कहानीकार और कवि होने के साथ-साथ वे डायरी लेखक तथा यात्रा-वृत्तांतकार भी थे। घर, गाँव और देहात पर लिखे गए उनके निबंधों में जहाँ व्यक्ति व्यंजकता है, वहीं दूसरी ओर वस्तुनिष्ठ निबंधों में चिंतन की गंभीरता है। 'मेरा घर', 'मेरा गाँव' तथा 'हमारा देहात' में 'मैं', 'मेरा' तथा 'हमारा' का जो घटाटोप है, उससे तो यही लगता है कि 'स्व' केंद्रित लेखन है और लेखक सिर्फ अपनी बात कहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि उसमें निजता के साथ-साथ 'लोक' और 'समाज' की भी उपस्थिति है। मानवीय मूल्यों का बोध और सौंदर्य-चेतना को जाग्रत् रखने का विधान 'काम' जी के लगभग सभी निबंधों में है।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
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