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Sahela Re (en Hindi)
Mrinal Pandey
(Autor)
·
Radha Krishna Prakasan Pvt Ltd
· Tapa Blanda
Sahela Re (en Hindi) - Pandey, Mrinal
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Reseña del libro "Sahela Re (en Hindi)"
भारतीय संगीत का एक दौर रहा है जब संगीत के प्रस्तोता नहीं, साधक हुआ करते थे। वे अपने लिए गाते थे और सुननेवाले उनके स्वरों को प्रसाद की तरह ग्रहण करते थे। ऐसा नहीं कि आज के गायकों-कलाकारों की तरह वे सेलेब्रिटी नहीं थे, वे शायद उससे भी ज़्यादा कुछ थे, लेकिन कुरुचि के आक्रमणों से वे इतनी दूर हुआ करते थे जैसे पापाचारी देहधारियों से दूर कहीं देवता रहें। बाज़ार के इशारों पर न उनके अपने पैमाने झुकते थे, न उनकी वह स्वर-शुचिता जिसे वे अपने लिए तय करते थे। उनका बाज़ार भी गलियों-कूचों में फैला आज-सा सीमाहीन बाज़ार नहीं था, वह सुरुचि का एक किला था जिसमें अच्छे कानवाले ही प्रवेश पा सकते थे। मृणाल पाण्डे का यह उपन्यास टुकड़ों-टुकड़ों में उसी दुनिया का एक पूरा चित्र खींचता है। केन्द्र में हैं पहाड़ पर अंग्रेज बाप से जन्मी अंजलिबाई और उसकी माँ हीरा। दोनों अपने वक्तों की बड़ी और मशहूर गानेवालियाँ। न सिर्फ गानेवालियाँ बल्कि खूबसूरती और सभ्याचार में अपनी मिशाल आप। पहाड़ की बेटी हीरा एक अंग्रेज अफसर एडवर्ड के. हिवेट की नज़र को भायी तो उसने उस समय के अंग्रेज अफसरों की अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए उसे अपने घर बिठा लिया और एक बेटी को जन्म दिया, ना
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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